तेरी तन्हाई में आज भी कुछ दर्द का एहसास है
समय की खबर नहीं लेकिन आज भी मिलने की आस है
कुछ लम्हा सा वक़्त का जैसे थम सा जाता है ..
आज भी मुडके देखता हुईं तो मुझे तू ही नज़र आता है
तेरा वो साथ तेरी वो परछाई का एहसास
आज भी जाने वो धीमी से हंसी की आवाज़
जानता हुईं तू नहीं है .. कहीं नहीं है ..
लेकिन तेरा साया जैसे आज भी प्यार से दिल को सहलाता है
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