है ज़माना परेशान..के इश्क किसी बुलबुल का नाम है..
बिना नज़र के देखो.. ये नज़र भी इश्क.. ये जान भी इश्क..
इश्क है वो जज्बा.. जिससे दिल धड़कता है ..
इश्क है वो रूह.. जिससे इंसान बढता है..
जो कहते हैं की बेखबर हैं वो इस शबनम की रात से..
सच तो ये है की वो बेखबर हैं इस खूबसूरत सी बात से..
कि सभी झूटों में जो सच्चा है वो है इश्क..
है बुनियाद जिसकी इश्क.. इतना सच्चा वो है इश्क..
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